करियर
फार्मा मैनेजमेंट में करियर
फार्मा में करियर Career in Pharma management in Hindi
आज स्वास्थ्य का क्षेत्र निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। लोग अच्छी एवं गुणवत्तापरक सुविधाओं की आशा करने लगे हैं।
बदलती जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य पर अच्छी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में लोगों का जीवन दवाओं के सहारे चल रहा है।
आज भारत में दवा उद्योग 15000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। पिछले कई वर्षों में दवा उद्योग में निजी संगठनों एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश करने से दवा उद्योग की सूरत एवं सीरत दोनों में खासा परिवर्तन आया है। दवा उद्योग के बढ़ते दायरे के स्वरूप इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं।
फार्मा मैनेजर्स की मांगवर्तमान में फार्मा क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिए फार्मा मैनेजरों की आवश्यकता है। अगर आप भी प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे कॅरियर विकल्पों की खोज कर रहे हैं, जिसमें आपके लिए अवसरों की कमी नहीं है तो फार्मा मैनेजमेंट आपके लिए अच्छा कॅरियर ऑप्शन साबित हो सकता है।
योग्यता
न्यूनतम 3 वर्ष की अवधि की स्नातक उपाधि (फार्मेसी, विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, मेडिसिन) प्राप्त विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्नातक उपाधि में सकल 50 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं। साथ ही सीएटी,एमएटी, सीएमएटी, एटीएमए, एक्सएटी, जीपीएटी स्कोर जरूरी है। 2016 में स्नातक उपाधि के आखिरी वर्ष की परीक्षा देने वाले प्रत्याशी भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में दो वर्ष का कार्यानुभव रखने वाले छात्र भी इस पाठ्यक्रम में आवेदन कर सकते हैं।
फार्मा मैनेजमेंट का क्षेत्र
फार्मा मैनेजर फार्मा सेलिंग, मेडिकल डिवाइस मार्केटिंग, मार्केटिंग कम्यूनिकेशन, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजमेंट, ड्रग स्टोर, मैनेजमेंट, प्रॉडक्शन प्लानिंग आदि क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। फार्मा मैनेजर हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और कंपनी के बीच की कड़ी होते हैं। फार्मा कंपनियां फार्मा मैनेजरों को हायर करती हैं ताकि वे ग्राहकों और डाक्टर्स को प्रॉडक्ट की उपयोगिता के प्रति जागरुक कर सकें। कंपनियां नियुक्ति के बाद एनेटॉमी, फिजियोलोजी, फार्माकोलोजी, सेल्समैनशिप, की ट्रेनिंग के साथ प्रॉडक्ट की नॉलेज और फील्ड ट्रेनिंग देती। फार्मा मैनेजर उत्पादों के निर्माण से लेकर उनके विक्रय तक में योगदान देते हैं।
अवसरफार्मा इंडस्ट्री में तेजी से हो रहे विकास के कारण इस क्षेत्र में कॅरियर की काफी संभावनाएं मौजूद हैं।
फार्मा मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद छात्रों की एरिया मैनेजर, सर्किल मैनेजर, प्रॉडक्ट मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर या मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में नियुक्ति हो सकती है। फार्मा मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव, बिजनेस एग्जीक्यूटिव आदि के रूप में नियुक्ति होती है।
पैकेज फार्मा मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री करने वाले छात्रों का शुरुआती पैकेज 5 से 6 लाख रुपए सालना तक होता है। इंटरनेशनल दवा कंपनियों में अनुभवी प्रोफेशनल्स को सालाना 20 से 25 लाख रुपए तक का पैकेज मिलता है, लेकिन ऊंचे पैकेज और जिम्मेदारी वाली नौकरियां 15 से 20 फीसदी उम्मीदवारों को ही मिल पाती है, क्योंकि इसके लिए ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री की नॉलेज जरूरी है।
प्रमुख संस्थान फार्मा मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए कुछ प्रमुख संस्थान हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा मार्केटिंग, लखनऊ, इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, वर्धा, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर, एनआईपीईआर, मोहाली आदि।
फार्मा मैनेजमेंट में करियर
फार्मा में करियर Career in Pharma management in Hindi
आज स्वास्थ्य का क्षेत्र निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। लोग अच्छी एवं गुणवत्तापरक सुविधाओं की आशा करने लगे हैं।
बदलती जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य पर अच्छी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में लोगों का जीवन दवाओं के सहारे चल रहा है।
आज भारत में दवा उद्योग 15000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। पिछले कई वर्षों में दवा उद्योग में निजी संगठनों एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश करने से दवा उद्योग की सूरत एवं सीरत दोनों में खासा परिवर्तन आया है। दवा उद्योग के बढ़ते दायरे के स्वरूप इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं।
फार्मा मैनेजर्स की मांगवर्तमान में फार्मा क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने के लिए फार्मा मैनेजरों की आवश्यकता है। अगर आप भी प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे कॅरियर विकल्पों की खोज कर रहे हैं, जिसमें आपके लिए अवसरों की कमी नहीं है तो फार्मा मैनेजमेंट आपके लिए अच्छा कॅरियर ऑप्शन साबित हो सकता है।
योग्यता
न्यूनतम 3 वर्ष की अवधि की स्नातक उपाधि (फार्मेसी, विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, मेडिसिन) प्राप्त विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्नातक उपाधि में सकल 50 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं। साथ ही सीएटी,एमएटी, सीएमएटी, एटीएमए, एक्सएटी, जीपीएटी स्कोर जरूरी है। 2016 में स्नातक उपाधि के आखिरी वर्ष की परीक्षा देने वाले प्रत्याशी भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में दो वर्ष का कार्यानुभव रखने वाले छात्र भी इस पाठ्यक्रम में आवेदन कर सकते हैं।
फार्मा मैनेजमेंट का क्षेत्र
फार्मा मैनेजर फार्मा सेलिंग, मेडिकल डिवाइस मार्केटिंग, मार्केटिंग कम्यूनिकेशन, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजमेंट, ड्रग स्टोर, मैनेजमेंट, प्रॉडक्शन प्लानिंग आदि क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। फार्मा मैनेजर हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और कंपनी के बीच की कड़ी होते हैं। फार्मा कंपनियां फार्मा मैनेजरों को हायर करती हैं ताकि वे ग्राहकों और डाक्टर्स को प्रॉडक्ट की उपयोगिता के प्रति जागरुक कर सकें। कंपनियां नियुक्ति के बाद एनेटॉमी, फिजियोलोजी, फार्माकोलोजी, सेल्समैनशिप, की ट्रेनिंग के साथ प्रॉडक्ट की नॉलेज और फील्ड ट्रेनिंग देती। फार्मा मैनेजर उत्पादों के निर्माण से लेकर उनके विक्रय तक में योगदान देते हैं।
अवसरफार्मा इंडस्ट्री में तेजी से हो रहे विकास के कारण इस क्षेत्र में कॅरियर की काफी संभावनाएं मौजूद हैं।
फार्मा मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद छात्रों की एरिया मैनेजर, सर्किल मैनेजर, प्रॉडक्ट मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर या मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में नियुक्ति हो सकती है। फार्मा मैनेजमेंट में एमबीए करने के बाद मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव, बिजनेस एग्जीक्यूटिव आदि के रूप में नियुक्ति होती है।
पैकेज फार्मा मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री करने वाले छात्रों का शुरुआती पैकेज 5 से 6 लाख रुपए सालना तक होता है। इंटरनेशनल दवा कंपनियों में अनुभवी प्रोफेशनल्स को सालाना 20 से 25 लाख रुपए तक का पैकेज मिलता है, लेकिन ऊंचे पैकेज और जिम्मेदारी वाली नौकरियां 15 से 20 फीसदी उम्मीदवारों को ही मिल पाती है, क्योंकि इसके लिए ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री की नॉलेज जरूरी है।
प्रमुख संस्थान फार्मा मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए कुछ प्रमुख संस्थान हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा मार्केटिंग, लखनऊ, इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, वर्धा, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर, एनआईपीईआर, मोहाली आदि।
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