Ebook
ई-बुक
ई-बुक लिख कर रूपया कैसे कमाऐ ?
ई-बुक्स वे पुस्तकें होती है जो आॅनलाईन और आॅफलाईन कम्प्यूटर,टैबलेट और फोन पर पढी जाती है ये पिडीएफ के फोर्मेट मे होती है।
ये पिडीएफ रिडर साॅफ्टवेयर पर व्यू होती है कुछ ई-बुक्स बिना पिडीएफ के भी पढी जा सकती है तो कुछ बुक्स वेबसाइट्स या ऐप पर आॅनलाईन भी खुलती है क्योकीं वे पेज पिडीएफ या ई-बुक्स व्यूवर सुविधा से लेंस होते है।
अब बुक पब्लिस करने के लिऐ पब्लिकेशन जाना टाईपिंग करवाना
यह सब करने कि बजाऐ पिडीएफ क्रियेटर साॅफ्टवेयर कि मदद से ई-बुक बनाई जा सकती है व उसे आॅनलाईन पब्लिश भी किया जा सकता है।
किसी विशेष टाॅपिक जैसे कम्पयूटर या अन्य पर ई-बुक बनाकर उसे आॅनलाईन ई-बुक पब्लिशर पर पब्लिश किया जा सकता है व स्वयं मूल्य निर्धारित कर उसे बेचा जा सकता है ।
इस तरह ई-बुक्स से भी रूपया कमाया जा सकता है।
अमेजन किंडल इसका बेहत्तर विकल्प है।
ई-बुक
ई-बुक लिख कर रूपया कैसे कमाऐ ?
ई-बुक्स वे पुस्तकें होती है जो आॅनलाईन और आॅफलाईन कम्प्यूटर,टैबलेट और फोन पर पढी जाती है ये पिडीएफ के फोर्मेट मे होती है।
ये पिडीएफ रिडर साॅफ्टवेयर पर व्यू होती है कुछ ई-बुक्स बिना पिडीएफ के भी पढी जा सकती है तो कुछ बुक्स वेबसाइट्स या ऐप पर आॅनलाईन भी खुलती है क्योकीं वे पेज पिडीएफ या ई-बुक्स व्यूवर सुविधा से लेंस होते है।
अब बुक पब्लिस करने के लिऐ पब्लिकेशन जाना टाईपिंग करवाना
यह सब करने कि बजाऐ पिडीएफ क्रियेटर साॅफ्टवेयर कि मदद से ई-बुक बनाई जा सकती है व उसे आॅनलाईन पब्लिश भी किया जा सकता है।
किसी विशेष टाॅपिक जैसे कम्पयूटर या अन्य पर ई-बुक बनाकर उसे आॅनलाईन ई-बुक पब्लिशर पर पब्लिश किया जा सकता है व स्वयं मूल्य निर्धारित कर उसे बेचा जा सकता है ।
इस तरह ई-बुक्स से भी रूपया कमाया जा सकता है।
अमेजन किंडल इसका बेहत्तर विकल्प है।
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