चाणक्य के अनमोल वचन | quites of Chanakya in Hindi

अनमोल वचन 

चाणक्य के अनमोल वचन 

अनमोल वचन कि बात हो और चाणक्य के अनमोल शब्दों पर बात न हो संभव नहीं ।

चाणक्य के अनमोल शब्द मोटिव करने की बजाय शिक्षा देने, सावधानी बरतने और सफल जीवन के लिए प्रेरित करते है ।

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सांप के फन , मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे बुरा होता है.

कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें,तभी आगे बढें

फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती  है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.



हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.


दुनिए की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है.


हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है.ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो. यह कड़वा सच है.


वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं ,नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते , और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों.


व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है;और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है.


इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.

सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.



भगवान मूर्तियों में नहीं है.आपकी अनुभूति आपका इश्वर है.आत्मा आपका मंदिर है.

अगर सांप ज़हरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.


शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान प|ता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.


जैसे ही भय आपके करीब आये , उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.


किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.


जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है,अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?

कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.


सर्प , नृप , शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे , दूसरों के कुत्तों  , और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.



जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है.


पहले पाच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये . अगले पांच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये. जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यव्हार करिए.आपके  व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं.



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