आपको यह न्यूज पडकर हैरानी होंगी कैसे आपकी सिम ब्लॉक कर आपके ही नम्बर पर कोई दुसरी सिम निकाल कर आपके समस्त डाटा को ऐक्सेस कर ले बैंक से रूपया निकाल ले.
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पढिए न्यूज
मंडीदीप के कारोबारी की कंपनी के खाते से 49 लाख रुपए की रकम निकालने का मामला सामने आया है। आरोपी ने कंपनी के डायरेक्टर की नेट बैंकिंग में रजिस्टर्ड सिम को ब्लॉक कर दूसरी सिम इश्यू करवा ली थी। इस दौरान उनके मोबाइल पर नो सर्विस लिखा आ रहा था।
सायबर सेल ने इस मामले में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सायबर सेल पुलिस के अनुसार अरेरा कॉलोनी निवासी आनंद जैन (50) पिता एमएल जैन और आरबी प्रसाद प्रास्ट इंजीनियर्स नाम की मंडीदीप में कंपनी पार्टनरशिप में संचालित करते हैं।
उन्होंने सायबर सेल में शिकायत की है कि उनकी कंपनी का खाता अरेरा कॉलोनी ई-8 में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में है। उनकी कंपनी के खाते से आरटीजीएस, आईएमटीएस और एनईएफटी के माध्यम से 49 लाख रुपए निकाले गए हैं।
इस पर सायबर सेल से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईटीएक्ट और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
मोबाइल ब्लॉक कर दिया था
First mobile number blocked and after that with same document opened a new sim card
First mobile number blocked and after that with same document opened a new sim card
आरोपियों ने खाते से पैसे निकालने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। आरोपियों ने कंपनी के डायरेक्टर आनंद जैन के बीएसएनएल के नंबर को ब्लॉक करवा दिया था।
उनके मोबाइल नंबर की दूसरी सिम मुहैया करवाई थी, जो न्यू मार्केट के बीएसएनएल दफ्तर से हुई थी।
आरोपियों ने इस दूसरी सिम उपलब्ध करवाने के लिए आनंद जैन के फोटो आईडी का उपयोग किया गया था।
जिसमें उनकी फोटो पर किसी दूसरे का फोटो लगा हुआ था। जबकि नाम और पता उनका ही था।
आरोपियों ने इस नंबर अलावा अपना अतिरिक्त नंबर 9302953368 दिया था। जिस पर कई बार फोन लगाने के बाद भी यह नंबर बंद आ रहा है।
मोबाइल पर नो सर्विस लिखा आ रहा था
यह no service आपके सिम के सिगनल टावर नाम की जगह दिखता है फोटो मे |
कारोबारी आनंद जैन के अनुसार उनकी सिम को आरोपियों ने जब ब्लॉक करवा दिया था तो इसका उपता ही नहीं चल पाया था। उनकी मोबाइल पर नो - सर्विस लिखकर आ रहा था।
जब उन्होंने बीएसएनएल के दफ्तर में बात की तो पता चला कि उन्होंने सिम बंद कर दूसरी सिम इश्यू कर दी है। आरोपियों ने 15 सितंबर को शाम छह बजे ही उनके मोबाइल नंबर जो नेट बैंकिंग में रजिस्टर्ड उसको ब्लाक कर दिया था।
पूर्व में इसी तरह डाक्टर के खाते से निकले थे 99 लाख
पूर्व में इसी तरह से एमएलए क्वाटर में रहने वाले डा.एके सक्सेना के खाते से 99 लाख रुपए निकाल लिए थे।
जिसमें उनकी सिम को बैंक में जाकर ब्लॉक करवाया गया था। इस वारदात में उनका नौकर शमिल था। जिसका खुलासा दो साल बाद भी नहीं हो पाया है।
इस तरह की साजिशो से बचने के लिए टिप्स
सरकार को सिम biometric verifyके बाद देनी चाहिए क्योकी मोबाइन नम्बर की सुरक्षा जरूरी है
सिम को खोने या किसी अन्य कारण से उसी नम्बर पर दुबारा प्राप्त करनी हो का जरीया बायोमेट्रिक हो जिससे फिंगर या आइरिस स्कैनर से वैरिफाई के बाद सिम जारी हो
अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखे
अपना सिम सुरक्षित रखे
बैंक मे दिया मोबाईल नम्बर किसी को न दे या कोनसा मोबाइल नम्बर बैंक मे दिया है किसी को भी न बताए
इस तरह की साजिशो से बचने के लिए टिप्स
सरकार को सिम biometric verifyके बाद देनी चाहिए क्योकी मोबाइन नम्बर की सुरक्षा जरूरी है
सिम को खोने या किसी अन्य कारण से उसी नम्बर पर दुबारा प्राप्त करनी हो का जरीया बायोमेट्रिक हो जिससे फिंगर या आइरिस स्कैनर से वैरिफाई के बाद सिम जारी हो
अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखे
अपना सिम सुरक्षित रखे
बैंक मे दिया मोबाईल नम्बर किसी को न दे या कोनसा मोबाइल नम्बर बैंक मे दिया है किसी को भी न बताए
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